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    कोरोना के खिलाफ किसी योद्धा से कम नहीं तहसीलदार रेखा आर्य

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Wed, 25 Mar 2020 04:40 PM (IST)

    कोरोना महामारी की हालात में 16 घंटा फील्ड में काम करने वाली ऋषिकेश की तहसीलदार रेखा आर्य किसी योद्धा से कम नहीं है।

    कोरोना के खिलाफ किसी योद्धा से कम नहीं तहसीलदार रेखा आर्य

    ऋषिकेश, जेएनएन। कोरोना महामारी का डर जनता ही नहीं, बल्कि अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी साफ नजर आ रहा है। इन सब के बावजूद इन हालात में 16 घंटा फील्ड में काम करने वाली ऋषिकेश की तहसीलदार रेखा आर्य उन अधिकारियों के लिए सबक है जो अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं।

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    प्रदेश सरकार ने 31 मार्च तक लॉक डाउन की घोषणा की। यह हालात ऐसे हैं जब अधिकारियों और कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम के आदेश जारी किए गए हैं। इस आदेश के चलते कई अधिकारी अपने घर से ही काम निपटा रहे हैं। ऋषिकेश तहसील काफी बड़ा क्षेत्र है। प्रशासनिक कार्य और वीआइपी ड्यूटी अपनी जगह है। वर्तमान में कोरोना का भय हर जगह देखा जा रहा है। विपरीत परिस्थिति सोमवार को तब आई जब करीब 2000 प्रवासी उत्तराखंडी लोग अपने घरों को वापस जाने के लिए ऋषिकेश के बस अड्डे में एकत्र हो गए।

    शनिवार का पूरा दिन तहसीलदार रेखा आर्य का जनता कर्फ्यू के दौरान व्यवस्था बनाने में बीता। रात साढ़े बारह बजे दूरभाष पर ही वह तमाम लोगों के साथ संपर्क में रही। सोमवार सुबह उन्हें फोन पर सूचित किया गया कि परिवहन निगम की बस अड्डे में काफी भीड़ जमा हो गई है। हालात की गंभीरता को समझते हुए तहसीलदार सुबह साढ़े सात बजे यात्रा अड्डे पहुंची और उन्होंने मोर्चा संभाल लिया। मंगलवार को भी उन्हें ठीक ऐसी ही स्थिति से रूबरू होना पड़ा।

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    भीड़ से फैलने वाले संक्रमण की रोकथाम की चुनौती अपने आप में कम नहीं होती। उसके साथ इन तमाम लोगों के लिए थर्मल स्कैनिंग करवाना और फिर वाहनों की व्यवस्था करना कई चुनौतियां सामने खड़ी खड़ी थी। हालात का मुकाबला इस महिला अधिकारी सुबह से लेकर रात तक वह बस अड्डे में ही खड़ी रही। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब प्रबंधक और श्री गंगा सभा से उन्होंने यात्रियों के लिए गुर्जर व अन्य व्यवस्था करने का आग्रह किया। उन्होंने जब तक यात्री रवाना नहीं हो गए तब मोर्चा संभाले रखा। रेखा आर्य कोरोना के खिलाफ जंग में किसी योद्धा से कम नहीं है।

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